Wednesday, 2 August 2023

  

                           कागज़ के थैले 

               हर इतवार की तरह,आज भी नलिनी सुबह-सुबह कागज़ के 
थैलों का गट्ठर बना कर अपनी सड़क किनारे खड़े होने वाले एक सब्ज़ी 
विक्रेता को देने जा रही थी। यह अब उसके लिए एक प्रकार का नियम बन 
गया था।  
              रास्ते में उसकी नयी दोस्त प्रिया मिली तो अभिवादन हुआ और 
बातचीत शुरू हो गयी। प्रिया ने नलिनी के हाथ में गट्ठर देखकर पूछा,"यह 
क्या है?" नलिनी ने उसे बताया कि जब से सरकार ने पॉलिथीन के थैलों पर 
प्रतिबंध लगाया है, सब्ज़ी वाले को बिक्री करने में समस्या आ रही है। बोली,
"कहता है कि अगर वह पॉलिथीन नहीं रखेगा तो बहुत से ग्राहक उससे 
सब्ज़ी नहीं लेंगे क्योंकि वे अपने साथ कोई थैला नहीं लाते।" प्रिया बोली,"मैं 
तो  हमेशा अपने पर्स में  कम से कम  एक थैला ज़रूर रखती हूँ। अक्सर 
उससे काम चल जाता है और जब  ख़ासतौर पर ख़रीददारी करने ही 
निकलना होता है तो चार-पाँच थैले लेकर जाती हूँ। शुरू में झंझट लगता था
पर अब नहीं।"
               नलिनी को यह सुन कर बहुत प्रसन्नता हुई। वह बोली,"यदि सब  
इस आदत को अपना लें तो कोई समस्या ही न हो।"
               तभी प्रिया ने पूछा,"लेकिन दुकानदार कागज़ के थैले तो ख़ुद भी 
ला सकते हैं, फिर तुम क्यों देने जाती हो?
               नलिनी ने बताया कि उसके दो कारण हैं। पहला यह कि कागज़ 
के थैले पॉलिथीन के थैलों की तुलना में महँगे पड़ते हैं, दूसरा यह कि लोगों 
के पास सुपरमार्केट से या होम डिलीवरी के साथ आये जो कागज़ के थैले 
होते हैं वे अच्छी गुणवत्ता के होते हैं और दोबारा भी प्रयोग में लाये जा सकते 
हैं। वह बोली,"इसलिए मैं अपने अपार्टमेंट के लोगों से ये थैले इकट्ठे कर के 
आसपास के दुकानदारों और ठेले वालों में बाँट देती हूँ। इस प्रकार उनकी 
भी मदद हो जाती है और थैलों को दोबारा प्रयोग में लाकर हम पृथ्वी के 
बहुमूल्य संसाधनों को व्यर्थ जाने से भी बचा पाते हैं।" 
               प्रिया सहमति में सिर हिलाते हुए बोली,"हमारे अपार्टमेंट में भी 
अधिकांश लोग ख़रीददारी  के साथ आये कागज़ के थैलों को यूँ  ही कचरे 
में फेंक देते हैं। मैं भी उन से वे थैले एकत्रित कर के किसी सब्ज़ी 
वाले या दुकानदार को दे दिया करूँगी।"
          अब तो नलिनी की बाँछें खिल उठीं।रविवार की सुबह और भी सुनहरी 
हो गयी। "क्या.. बात है प्रिया! दो ताली!"

                                                  - चारु शर्मा 
                                                     02/08/2023


*******  पर्यावरण संरक्षण शौक नहीं, आवश्यकता है   *********

4 comments:

  1. Nice, inspiring story! we all can do this in our localities and save precious resources while curbing the use of single use plastic

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  2. Very educative story. Hope everyone learns a lesson from your story and implement it in their lifestyle 😊

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  3. Very nice , and informative story

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  4. Very nice and inspiring thought :)

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