गणेश उत्सव
हमने सिंगल यूज़ प्लास्टिक बिसराए।।
जय देव! जय देव!
डिस्पोजे़बल का किया सफ़ाया।
प्रसाद अपने पात्रों में खाया।।
कचरे के न कहीं ढेर लगाए।
भूमि,पवन,जल सभी मुस्कुराए।।
जय देव! जय देव!
शुद्ध मिट्टी की मूरत बिठाई।
पत्रों,पुष्पों से सज्जा बढ़ाई।।
कोई कृत्रिम न किया अलंकरण।
हम संग हर्षाया पर्यावरण।।
जय देव! जय देव!🙏😊
- चारु शर्मा
03 /09 /2022
जब हम बिना किसी कृत्रिम पदार्थ जैसे प्लास्टिक, स्टायरोफोम,थर्मोकॉल, आदि का प्रयोग
ReplyDeleteकिए बिना केवल प्राकृतिक सामग्री का ही उपयोग करते हुए तथा कम से कम कचरा उत्पन्न करते हुए अपने त्योहार मनाते हैं तो उनकी सुंदरता एवं सार्थकता और भी बढ़ जाती है। इस कविता के माध्यम से मैं यही संदेश देना चाहती हूँ। 🙏
Ganpati sab ko yeh sadbudhi den kyunki duniya mein hamare desh mein sabse jyada plastic waste hai! 🥲
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