मकर संक्रांति
दक्षिण से उत्तर की ओर
सप्त अश्व रथ हो सवार
हुए अग्रसर सूर्य देवता
मकर संक्रांति का त्योहार
शीत घटेगा बढ़ेगी ऊष्मा
धरा का निखरेगा श्रृंगार
ठिठुरे,क्लांत तन-मन में
फिर आ जाएगी बहार
गंगा नहाओ, पतंग उड़ाओ
तिल-गुड़,खिचड़ी बांँटो,खाओ
खुशियांँ खड़ीं तुम्हारे द्वार
मकर संक्रांति का त्योहार
चारु शर्मा
१५/०१/२२
शब्द - अर्थ (word - meaning)
दक्षिण - एक दिशा का नाम (south)
उत्तर - दक्षिण के सामने की दिशा (north)
सप्त -सात (seven )
अश्व - घोड़े (horses)
हुए अग्रसर - बढ़े / आगे चले ( proceeded, moved forward)
त्योहार- पर्व (festival)
शीत - ठंड , सरदी (cold )
ऊष्मा - गरमी (heat)
धरा - धरती, पृथ्वी
क्लांत - मुरझाया हुआ, हतोत्साहित, निढाल
Amazing and meaningful!! 👏👏
ReplyDeleteBeautifully written!:)
ReplyDeleteBeautiful!
ReplyDeleteआति सुन्दर
ReplyDeleteVery nice 👍
ReplyDeleteVery good
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