निमंत्रण🙏
दरबार सज रहा है, अंबे का, तुम भी आना।
उर भाव भक्ति का औ, संग पत्र- पुष्प लाना।।
रखना हृदय को निर्मल, और पर्यावरण को भी।
उपयोग न हो प्लास्टिक, निज को स्मरण कराना।।
दरबार सज रहा है, अंबे का तुम भी आना।
उर भाव भक्ति का औ, संग पत्र- पुष्प लाना।।
माँ है पहाड़ों वाली, प्रकृति में निवास उसका।
प्लास्टिक का ढेर उस पर, है हमको नहीं लगाना।।
दरबार सज रहा है, अंबे का तुम भी आना।
उर भाव भक्ति का औ, संग पत्र- पुष्प लाना।।🙏🙏
-चारु शर्मा
19/09/2025
🌿🍁🍀🌺🌸🪷🌸🌺🪻🌼☘️🌿
मां की कृपा तुम पर और तुम्हारे परिवार पर सदाबनीरहे
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