Tuesday, 30 May 2023

विश्‍व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई )

 

थू-थू-थू

शौक तंबाकू का संग में 
एक आदत भी लाता। 
हर कोई परिचित है उससे 
सबसे उसका नाता।।

छाप दिखे उसकी दीवारों ,
प्लेटफॉर्म , सड़कों पर। 
लेकिन सब बढ़ जाते आगे 
उसको अनदेखा कर। 

आदत है वह थूकने की 
पान-मसाला , गुटखा। 
कोई थूके पान चबाकर 
जहाँ  करे  जी उसका।।

भारत है आज़ाद मगर 
इतनी भी क्या आज़ादी। 
सार्वजनिक संपत्ति की 
कर देते हैं  बरबादी।। 
 
थूकने वाले निर्बाध 
दर्शक रहते मौन। 
तो फिर इस व्यवहार पर 
अंकुश  लगाए कौन।।  

आदत घृणित नहीं यह केवल 
संक्रमण भी फैलाए। 
टी.बी, कोविड जैसे रोगों 
को घर- घर पहुँचाए।।

शौक छोड़ें तंबाकू का 
त्यागें थूकना भी। 
स्वच्छ-स्वस्थ देशों की सूची 
में हो नाम अपना भी।।

      -चारु शर्मा 
      31/05/2023 



 शब्द - अर्थ 
 निर्बाध - प्रतिबन्धरहित , बिना बाधा के, 
              बिना रोक-टोक के 

2 comments:

  1. Ashish Bhardwaj30 May 2023 at 23:39

    अत्यंत सुंदर कविता एवं महत्वपूर्ण संदेश

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