माँ
समय से यदि मैं घर न पहुँचूँ
तुम व्याकुल हो जाती हो
जब मुझ पर कोई विपदा आती
मेरी ढाल बन जाती हो
प्यार से मुझ को गले लगाकर
सारे भय हर लेती हो
बात हरेक, मेरे मन की
सब से पहले पढ़ लेती हो
गुस्से में भी प्यार छुपा है
तुम ममता की मूरत माँ
इसीलिए तो सब से प्यारी
लगे तुम्हारी सूरत माँ
चारु शर्मा
१८ /६ / १८
Bahut sundar
ReplyDeleteWonderful!! Heart Touching!!!!❤❤🙌
ReplyDeleteBeautiful words and wonderful expressions 👍
ReplyDeleteThankyou :)
ReplyDeleteLovely
ReplyDeleteBeautiful expressions.
ReplyDeleteVery nice words.
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