होली आई !
ले गुलाल चल पड़ीं टोलियाँ
भर गयीं सब पिचकारियाँ
उमड़ पड़े रंगों के बादल
गली-गली में मचा है हुल्लड़
मस्ती की बहार लेकर
होली आई ! होली आई !
गाल जामुनी, आँखें चमचम
आज लंगूर से दिख रहे हम
करो न चिंता, मौज मनाओ
तुम भी इस रंग में रँग जाओ
बेफ़िक्री के पंख लेकर
होली आई ! होली आई !
किसी के मुँह में शक्करपारे
कहीं पे चाट के चटखारे
किसी को भाये मठरी , सेव
कोई गुजियों से भरता जेब
स्वाद की भरमार लेकर
होली आई ! होली आई !
नये-नये कुछ दोस्त बन गये
जो रूठे थे , वे भी मन गये
हो प्रसन्न , मन उछल रहा है
नाचो, गाओ कह रहा है
हँसी,ठिठोली,खुशियाँ लेकर
होली आई ! होली आई !
चारु शर्मा
६/३/१६
शब्दार्थ (word - meaning):
टोलियाँ -समूह,मंडलियाँ ,झुंड (groups)
हुल्लड़ - हो हल्ला , शोरगुल (uproar,noise due to celebration of some event)
जामुन - एक फल (blackberry)
चमचम -सफ़ेद रंग की एक बंगाली मिठाई (a white coloured bengali sweet)
लंगूर - एक प्रकार का बन्दर जिसका मुँह , हथेलियाँ और तलवे काले होते हैं (baboon,a kind of monkey)
बेफ़िक्री -निश्चिंतता , चिंता न करने की स्थिति (state of being carefree)
भाये - पसंद आये (liked)
शक्करपारे ,सेव ,गुजिया - होली के अवसर पर बनने वाली मिठाइयाँ (sweets)
मठरी - करारा और नमकीन व्यंजन (crisp and salty snacks item)
चाट - चटपटे व्यंजन (spicy snack items)
भरमार - आधिक्य ,खूब सारा होना , प्रचुर मात्रा में होना (abundance)
ठिठोली - मज़ाक , परिहास
Very festive poem
ReplyDeleteGarmi strling hai ya puling
ReplyDeleteBahut sundar
ReplyDeleteWaah....kya baat hain👏🏻👏🏻👏🏻
ReplyDeleteHappy Holi!!!
ReplyDeleteBeautiful.. ����
ReplyDeleteWonderful work Charu ! Keep it up !!
ReplyDelete