उल्लू राजा , उल्लू राजा
क्यों जगते तुम रात-
रात ही
क्यों न भाता तुम्हें उजाला
क्यों छुप जाते तुम प्रातः ही
हम नन्हे ,प्यारे से बच्चे
देर रात तक न जग सकते
कभी तो दिन में भी दिख जाओ
गोल
- गोल आँखें चमकाओ
चारु शर्मा
very cute poem :D
ReplyDeletesimple and sweet poem ,fun to read
ReplyDelete