Friday, 18 July 2014

उल्लू - राजा




उल्लू राजा , उल्लू राजा
क्यों जगते तुम रात- रात ही

क्यों भाता तुम्हें उजाला
क्यों छुप जाते तुम प्रातः ही

हम नन्हे ,प्यारे से बच्चे
देर रात तक जग सकते

कभी तो दिन में भी दिख जाओ
गोल - गोल आँखें चमकाओ


              चारु शर्मा 

                                  18/7/14

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