प्रवासी भारतीय दिवस 2025
अपने कौशल को निखारने,
आगामी जीवन संँवारने,
बेहतर अवसर की तलाश में,
वे पहुंँचे परदेस में।
स्वजनों से पाईं उपमाएंँ,
होनहार,काबिल कहलाए
स्वार्थी सम शीर्षक भी पाए😉
ढलकर पर-परिवेश में।
कर्मभूमि में कमर कसी है,
मातृभूमि पर हृदय बसी है,
साख तिरंगे की बढ़ा रहे,
रहते हुए विदेश में।
मेहनत कर सम्मान पा रहे,
कीर्ति भारत की बढ़ा रहे,
संस्कृति दुनिया को दिखा रहे,
हैं प्रतिनिधि विशेष वे।
उन्नति के सोपान बनाते,
नित नवीन तकनीकी लाते,
काज के अवसर बढ़वाते,
करके पूंँजी-निवेश वे।
युवा वर्ग को करते प्रेरित,
बना रहे हैं उन्हें प्रशिक्षित,
' विकसित भारत' किया सुनिश्चित,
सहभागी के वेश में।
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻💐💐💐💐
-चारु शर्मा
09/01/2025
Beautifully written 👏🏻👏🏻
ReplyDeleteThank you 😊
ReplyDeleteWonderfully written Charu!
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